Saturday, June 14, 2008

लकडी की काठी

लकडी की काठी काठी पे घोडा
घोडे की दुम पे जो मारा हथोड़ा
दौडा दौडा दौडा घोडा दुम उठा के दौडा

घोडा पहुँचा चौक में चौक में था नाइ
घोडेजी की नाइ ने हजामत जो बनाई
चग बग चग बग चग बग चग बग
घोडा पहुँचा चौक में चौक में था नाइ
घोडेजी की नाइ ने हजामत जो बनाई
दौडा दौडा दौडा घोडा दुम उठा के दौडा
लकडी की काठी काठी पे घोडा
घोडे की दुम पे जो मारा हथोड़ा
दौडा दौडा दौडा घोडा दुम उठा के दौडा


घोडा था घमंडी पहुँचा सब्जी मंडी
सब्जी मंडी बरफ पड़ी थी बरफ में लग गई ठंडी
चग बग चग बग चग बग चग बग
घोडा था घमंडी पहुँचा सब्जी मंडी
सब्जी मंडी बरफ पड़ी थी बरफ में लग गई ठंडी
दौडा दौडा दौडा घोडा दुम उठा के दौडा
लकडी की काठी काठी पे घोडा
घोडे की दुम पे जो मारा हथोड़ा
दौडा दौडा दौडा घोडा दुम उठा के दौडा

घोडा अपना तगड़ा है देखो कितनी चरबी है
चलता है मेहरौली में पर घोडा अपना अरबी है
चग बग चग बग चग बग चग बग
घोडा अपना तगड़ा है देखो कितनी चरबी है
चलता है मेहरौली में पर घोडा अपना अरबी है
लकडी की काठी काठी पे घोडा
घोडे की दुम पे जो मारा हथोड़ा
दौडा दौडा दौडा घोडा दुम उठा के दौडा

Lyrics by Gulzaar sahab (wah sahab wah!, shukriya)
Music by R.D Burman
Movie Masoom by Shekhar Kapoor

I was reading Gulzaar sahab's interview and he said that of all things he likes to write children songs like the one above. Today i remembered it and began to dissect this song. Its a gem but credit should also go to Burman.

Above are the lyrics of the song and i have bolded the main lines of the song. I typed the whole song in hindi. Rest are just repetitions (chorus). There is one mukhda and only 3 stanzas after it, each of 2 lines. Thats it! How cleverly Burman has shaped them into a song. This song is again a coming together of geniuses each in their own art and making a masterpiece.

Listen to this song and other children songs here : Dhingana

1 comment:

Anonymous said...
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