Friday, March 18, 2011

chhai chappa chhai

छई छप्पा छई छप्पा के छई
पानियों में छीटें उड़ाती हुई लड़की
देखी है हमने
आती हुई लहरों पे जाती हुई लड़की

छई छप्पा छई छप्पा के छई
कभी कभी बातें तेरी अच्छी लगती है
फिर से कहना
आती हुई लहरों पे जाती हुई लड़की

ढूंडा करेंगे तुम्हें सारी रोंतें हम
रेगते ही पैरों के मोहरे न छोड़ना
नहीं
ढूंडा करेंगे तुम्हें सारी रोंतें हम
रेगते ही पैरों के मोहरे न छोड़ना

सारा दिन लेटे लेटे सोचेगा समुन्दर
आते जाते लोगों से पूछेगा समुन्दर
साहिब रुकिए ज़रा
अरे देखी किसी ने
आती हुई लहरों पे जाती हुई लड़की

छई छप्पा छई छप्पा के छई
कभी कभी बातें तेरी अच्छी लगती है

लिखते रहें हैं तुम्हें रोज़ ही मगर
ख्वाइशों के ख़त कभी भेजे ही नहीं,
नहीं
लिखते रहें हैं तुम्हें रोज़ ही मगर
ख्वाइशों के ख़त कभी भेजे ही नहीं,

ऐनक लगा के कभी पढ़ना वोह छिटियाँ
आँखों के पानी में रखना वोह छिटियाँ
तैरती नज़र आएगी जनाब

ओह देखा
आती हुई लहरों पे जाती हुई लड़की

छई छप्पा छई छप्पा के छई
पानियों में छीटें उड़ाती हुई लड़की
देखी है हमने
आती हुई लहरों पे जाती हुई लड़की

छई छप्पा छई छप्पा के छई
कभी कभी बातें तेरी अच्छी लगती है






Its been a long time since Gulzaar sahab appeared on this blog. I was really missing him. And then yesterday while eating dinner at Chat House, they were playing chhai chappa chaai. And after that, it was humming in my ears for the entire night, even while sleeping. And so here i am, sitting at 6:20 am writing lyrics for this song. Music is by Vishal Bhardwaj and it is somehow very difficult to imagine this song without his music. aur us par lata ji ki shararat waali awaz, she is so playful in this song. And look how cleverly Vishal uses the pause at "nahin" in second and third stanzas. And in between the lyrics, there is the Rahman-ish use of non meaningful words such as lara lara lara.

par jitna bhi bol lo, gaane ke bol ki baat hi kuch aur hai. gaur farmaiye

lete lete sochega samundar
and after listening to this line, mind visualizes the sea and yes woh leta hua hai. and you smile.

aur khwaishon ke khat kabhi bheje hi nahin. kya baat hai! Again in a blog with title Hazarron khwaishien aisi, khwaishon ke khat makes so much sense and gives so much joy to read this line, to listen this line.


Bahut khoob Gulzar sahab!!

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